27 July 2024

महिला आयोग ने मां को दिलाया उसका मासूम बच्चा

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देहरादून -उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के कार्यालय में एक पीड़िता न्याय की गुहार लगाते हुए पहुंची उसने बताया कि उसके पति ने उसके दो वर्ष के बच्चे को उससे दूर कर दिया गया है। वह पिछले एक हफ्ते से अपने बच्चों से मिलने के लिए तड़प रही है परंतु उसका पति उसको बच्चे से नहीं मिलाने दे रहा है।

पीड़िता ने आयोग अध्यक्ष को बताया कि आपसी कलह के कारण पति ने इस प्रकार के घटना को अंजाम दिया गया। मेरा बच्चा अभी 2 साल का भी नही हुआ है जिसे मां के दूध की अत्यंत आवश्यकता है, परंतु मेरा पति मुझे मेरे बच्चे से मिलने नहीं दे रहा है। मेरा पति 31 मई को मुझसे मेरा बच्चा चुपचाप छिपा कर कहि ले गया है और इतने दिनों से मुझे मेरे बच्चे से नही मिलाया जा रहा है।

मामले में आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एसपी देहरादून को निर्देशित किया है कि शीघ्र अतिशीघ्र पीड़ित मां को उसका बच्चा सकुशल वापिस दिलाया जाए ताकि उसकी मां उसे स्तनपान करा सके, जो कि बच्चे का भी अधिकार है और पीड़ित मां का भी।

उन्होंने कहा की हिंदू अल्पसंख्यक और संरक्षकता अधिनियम, 1956 के सेक्शन 6 के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के हिंदू बच्चे को माता की देखरेख में रखा जाता है क्योंकि इस उम्र में केवल मां ही बच्चे को उचित भावनात्मक, शारीरिक, नैतिक सहारा दे सकती है। कानून व अधिकारों के अनुसार 7 वर्ष से कम आयु के बच्चे को कोई भी उसकी मां से अलग नही कर सकता है और हमारा कानून इस अपराध की अनुमति नही देता है।

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