प्रकृति परीक्षण अभियान से पूर्व आयुर्वेद डाक्टरों को दिया गया प्रशिक्षण
देहरादून। आयुष मंत्रालय द्वारा 26 नवम्बर से देशभर में प्रकृति परीक्षण अभियान चलाएगा। इस अभियान को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग एवं उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा चलाया जाएगा। इस हेतु केन्द्र से डॉ. जे एन नौटियाल, डॉ. डी के श्रीवास्तव एवं डॉ. अनिल थपलियाल को राज्य का समन्वयक नियुक्त किया गया है। इस अभियान में आयुष विभाग, आयुर्वेद निदेशालय एवं आयुर्वेद कालेजों की सक्रिय भूमिका रहेगी।
राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ(पंजीकृत) के प्रदेश एवं जिला देहरादून मीडिया प्रभारी डॉ. डी सी पसबोला ने जानकारी देते हुए बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार हर घर, जन-जन आयुर्वेद को दृष्टिगत रखते हुए इस अभियान को बनाया गया है। इसके लिए एक एप बनाया गया है। गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के पांच विश्व कीर्तिमान स्थापना का संकल्प लिया गया है। प्रकृति का स्वास्थ्य संरक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है। प्रकृति का ज्ञान होने पर मनुष्य स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या, ऋतुचर्या के अनुसार परिवर्तन कर स्वस्थ रह सकता है। देश को सकारात्मक स्वास्थ्य की ओर अग्रसर करने में प्रकृति परीक्षण अभियान अत्यधिक कारगर सिद्ध होगा। इस अभियान में सम्पूर्ण देश में एक करोड़ से पांच करोड़ लोगों का प्रकृति परीक्षण एक माह में किया जाएगा। उत्तराखंड के 10 लाख से ज्यादा लोगों का प्रकृति परीक्षण आयुर्वेद चिकित्सक, आयुर्वेद अध्यापक तथा आयुर्वेदिक कालेजों के छात्रों के माध्यम से किया जाएगा। जिन्हें प्रकृति परीक्षण स्वयं सेवक कहा जाएगा। जो कि घर घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण अभियान करेंगे। जिससे कि आयुर्वेद के प्रति जन सामान्य का रूझान बढ़ेगा और आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था को भी तेजी से आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर परिषद के अध्यक्ष डॉ. जे एन नौटियाल, डीएयूओ देहरादून डॉ. जी सी जंगपांगी, अपर डीएयूओ डॉ. सविता कोठियाल, रजिस्ट्रार नर्वदा गुसांई, डॉ. सनन्दन थपलियाल, डॉ. एच एस धामी, डॉ दीपांकर बिष्ट, डॉ. एच एम त्रिपाठी, डॉ. डी सी पसबोला, डॉ. शैलजा रोहिला, डॉ. मीरा रावत, डॉ. दीपा चुग, डॉ. अमित रावत, डॉ. अजयवीर, डॉ. सुगम तिवारी, डॉ. सुचिता गिरी, डॉ. कुमकुम गैरोला, डॉ. गीता, डॉ. वीरेंद्र नाथ, डॉ. उत्तरा पाल, डॉ. रमेश चौहान एवं डॉ. रत्ना, डॉ. आशीष , , डॉ. पवन, डॉ. रंजीता, डॉ. भावना, डॉ. सुमन, डॉ. ज्योत्स्ना, डॉ. सुमनलता, डॉ. रेखा त्रिपाठी, डॉ. नेहा, डॉ. अंकिता, डॉ. इंद्रा, डॉ. रोमा, डॉ. वंदना, डॉ. मधु, डॉ. हिमानी, डॉ. सुमति, प्रदीप सिंह आदि इत्यादि उपस्थित रहे।