उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही: सड़कें बंद, पुल टूटे, सैकड़ों गांवों का संपर्क कटा, हरिद्वार में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर

उत्तराखंड में मूसलधार बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। उत्तरकाशी जिले के खीरगंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में धराली गाँव के पास बादल फटने से आई बाढ़ और मलबे की धारा ने दर्जनों घर, होटल और बाजार को बहा दिया। इसके कुछ देर बाद सुक्की टॉप क्षेत्र में दूसरी बार बादल फटने की घटना दर्ज की गई। इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत और करीब 100 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है।
संपर्क व्यवस्था ध्वस्त
भारी बारिश और भूस्खलन से गंगोत्री-हर्षिल राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई राज्य और ग्रामीण मार्ग बाधित हो गए हैं। प्रशासन के अनुसार, राज्यभर में 100 से अधिक सड़कें बंद हैं। पाबों–पैठानी मार्ग पर कलीगढ़ पुल टूटने से आसपास के गांवों का संपर्क कट गया है। उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में पुल बह जाने से गाँव पूरी तरह बाहरी संपर्क से अलग हो गया है।
राहत और बचाव अभियान
सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। अब तक लगभग 130 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हरसिल सैन्य कैम्प के प्रभावित होने से 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं। बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन, जेसीबी मशीनें और सैटेलाइट फोन तैनात किए गए हैं।
निगरानी और सहायता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर 01374‑222722, 7310913129 और 7500737269 जारी किए हैं।
मौसम चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में अगले 48 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश, भूस्खलन और नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई गई है।