सीएम के समक्ष डीजीपी ने दिया 03 नए कानूनों का प्रजेंटेशन
देहरादून। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम
के प्राविधानों के लागू होने के बाद प्रदेश में इनका सही क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। कानूनों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। आमजन को इनकी जानकारी हो इसके लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रचार-प्रसार के लिए सूचना विभाग का सहयोग लिया जाए।
पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी कि देश में एक जुलाई 2024 से इन्हें लागू किया जाना प्रस्तावित है। कानून के गठन के लिए 18 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 उच्च न्याययियों, 5 न्यायिक अकादमियों, 22 कानून विवि, 142 संसद सदस्यों, लगभग 270 विधायकों को जनता द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर चार वर्ष में गहन परीक्षण कर तैयार किया गया है।
पुलिस महानिदेशक ने अवगत कराया कि नए कानून पीड़ित को अधिक अधिकार प्रदान करने के साथ ही शीघ्र न्याय, आपराधिक न्याय विंग प्रणाली के सभी विंग को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर देता है। राज्य में नए कानूनों को लागू करने के लिए 6 कमेटियों का गठन किया गया है। जिनमें जनशक्ति, प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीसीटीएनएस, राज्य में लागू एक्ट में नए कानून के अन्तर्गत परिवर्तन व जागरूक समिति शामिल हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि नए कानूनों के लागू होने पर राज्य में लागू अधिनियमों में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित हैं। जिनमें उत्तराखंड राज्य के कुल 434 स्थानीय अधिनियमों का अवलोकन कर 74 अधिनियमों में संशोधन के प्रस्ताव के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 343 अधिनियमों का अवलोकन कर 116 अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव और केंद्र के कुल 228 अधिनियमों का अवलोकन कर संशोधन का प्रस्ताव है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, चन्द्रेश यादव, एडीजी अमित कुमार सिन्हा, ए.पी. अंशुमन, आईजी विम्मी सचदेवा, केवल खुराना, विमला गुंज्याल, विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।