जलभराव से निपटने को प्रशासन का बड़ा कदम: 17 डी-वाटरिंग पंप तैनात, 12 जोनों में टीमों की तैनाती

देहरादून,
मानसून के दौरान राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में 30 लाख रुपये की लागत से खरीदे गए 17 डी-वाटरिंग पंपों को सोमवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूजा-अर्चना के बाद फील्ड में रवाना कर दिया।
12 जोन चिन्हित, हर जोन में एक पंप तैनात
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में जलभराव की दृष्टि से 12 संवेदनशील जोन चिन्हित किए गए हैं। प्रत्येक जोन में एक डी-वाटरिंग पंप लगाया गया है, ताकि पानी की निकासी में किसी तरह की देरी न हो। साथ ही, 30 अधिकारियों की अलग से तैनाती कर दी गई है, जो अपने-अपने जोन में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
क्विक रिस्पांस टीम (QRT) को जिम्मेदारी
जलभराव की स्थिति से तत्काल निपटने के लिए क्यूआरटी (Quick Response Team) का गठन पहले ही किया जा चुका था। अब इस टीम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए पंपों की सुविधा भी दी गई है।
प्रभारी अधिकारी:
सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह
उपजिलाधिकारी सदर हर गिरि
उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी
इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया है, जहां जलभराव की समस्या अधिक पाई गई है।
क्षेत्रवार ज़िम्मेदारियां (उपजिलाधिकारी सदर हर गिरि की देखरेख में)
इन इलाकों में जलभराव की स्थिति पर निगरानी और पंप संचालन का जिम्मा सौंपा गया है:
प्रिंस चौक
बल्लूपुर जीटीसी क्षेत्र (बल्लूपुर, कैंट क्षेत्र, बिंदाल पुल, सिनर्जी अस्पताल के आसपास के इलाके)
आईटी पार्क क्षेत्र (आईटी पार्क के आंतरिक भवन, तपोवन, रायपुर रोड, सहस्रधारा क्रासिंग आदि)
सहस्रधारा रोड (ऊषा कॉलोनी, कृषाली चौक और इससे जुड़े क्षेत्र)
ऋषिकेश और डोईवाला को भी राहत
देहरादून के अलावा ऋषिकेश और डोईवाला क्षेत्र के लिए भी 5 डी-वाटरिंग पंप अलग से उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका संचालन शुरू हो चुका है।
प्रशासन का उद्देश्य:
किसी भी आपात स्थिति में त्वरित रिस्पांस देकर जलभराव की समस्या से समय रहते राहत पहुंचाना।