प्रभावित परिवारों की मुआवजा राशि बढ़ने पर मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त…..
पौड़ी। आये दिन जंगली जानवरों के हमलों की घटनाओं ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ – गुलदार के हमलों से मारे जा रहे पहाड़ के ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर अभी ठोस कारगर योजना पूरी तरह से नहीं बन पाई हैं इसलिए लिए यहाँ के लोगों के लिए जिंदगी गुजर बसर करना बेहद मुश्किल हो गया हैं।
इन घटनाओं को लेकर जहाँ क्षेत्रीय जिला प्रशासन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुऐ सरकार से समन्वय स्थापित करते हुऐ जल्द कार्यवाही को अंजाम देने में जुटे हैं। वहीं कैबेनेट मंत्री एवं चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने बाघ के हमले में मारी गई विकास खंड जयहरीखाल, ग्राम बौंठ निवासी श्रीमती सतीश्वरी देवी पत्नी सुरेन्द्र प्रसाद के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि महिलाएं काम के सिलसिले में अकेले न जाकर समूह में जायें। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों और उनसे आम जन की सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पंचायत विभाग के अधिकारियों को अनटाइड फंड से रिहायशी इलाकों में ऐसे स्थानों की झाड़ियों को काटवाने के निर्देश दिए गए हैं जहां जंगली जानवरों के छिपे होने की आशंका रहती है।
श्री महाराज ने जंगली जानवरों के हमलों में मारे जाने वाले लोगों को 10 लाख की मुआवजा राशि दिये जाने और घायलों के उपचार का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किये जाने के निर्णय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों को देखते हुए आमजन एवं ग्रामीणों की सुरक्षा के मध्येनजर पकड़े गए जंगली जानवरों को प्राणी उद्यानों और वनतारा में रखने की व्यवस्था बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी-बड़ी संस्थाओं एवं कंपनियों से उनके रखरखाव एवं खान-पान की व्यवस्था पर होने वाले खर्च को वाहन करने का उनसे अनुरोध किया जा रहा है। क्योंकि एक बाघ को पड़कर यदि किसी भी प्राणी उद्यान में रखा जाता है तो उसके खान-पान एवं रखरखाव पर 20 से 25 लाख रुपए के लगभग वार्षिक खर्च आता है। इसलिए इस तरह की पहल करना आवश्यक है। ताकि आम लोगों के साथ-साथ वन्य जीवों के भी सुरक्षा हो सके।