फर्जी तरीके से बने सफेद और गुलाबी राशन कार्ड पर होगा एक्शन

देहरादून: उत्तराखंड में सफेद और गुलाबी राशन कार्ड धारकों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. वेरिफिकेशन में कई हजार ऐसे लोग ऐेसे पाए गए है, जिन्होंने अपात्र होते हुए भी सफेद और गुलाबी राशन कार्ड का लाभ लिया है. ऐसे लोगों अब विभाग कार्रवाई करने जा रहा है. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में समीक्षा के दौरान ऐसे फर्जी राशनकार्ड धारकों को बाहर करते हुए जरूरतमंदों को योजना का लाभ दिए जाने के निर्देश दिए थे.
प्रदेश में जरूरतमंदों और पात्र लोगों को ही खाद्य योजना के अंतर्गत सफेद और गुलाबी राशन कार्ड का लाभ मिल सके, इसके लिए इन दिनों राज्य भर में वेरिफिकेशन अभियान चलाया जा रहा है. खास बात यह है कि तमाम जिलों में सफेद और गुलाबी राशन कार्ड की सीमा पूरी होने के कारण नए आवेदक को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन अपात्र राशन कार्ड धारकों को योजना का लाभ न दिए जाने के निर्देश दिए थे.
सीएम धामी के निर्देश पर चलाया गया सत्यापन अभियान: मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य भर में गलत तरीके से राशन कार्ड का लाभ लेने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में दो मैदानी जिलों में काफी हद तक वेरिफिकेशन का काम पूरा भी कर दिया गया है. हैरानी की बात यह है कि वेरिफिकेशन के दौरान कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जो बेहद ज्यादा चौंकाने वाले है. इन जिलों में अब इस अभियान के पूरा होने के बाद नए आवेदकों को योजना का लाभ मिल सकेगा.
देहरादून जिले में वेरिफिकेशन के दौरान बड़ी संख्या में अपात्र राशन कार्ड धारकों का पता चला है. देहरादून जिले में 3332 राशन कार्ड धारक ऐसे पकड़े गए हैं, जो अपात्र होने के बावजूद भी राष्ट्रीय खाद्य योजना का लाभ सफेद या गुलाबी राशन कार्ड बनाकर ले रहे थे. इसी तरह उधम सिंह नगर जिले में भी वेरिफिकेशन का काम काफी हद तक आगे बढ़ चुका है. वेरिफिकेशन के दौरान हैरानी वाले जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके अनुसार उधम सिंह नगर जिले में 1742 सफेद राशन कार्ड धारक अपात्र पाए गए हैं. इसी तरह 179 ऐसे राशन कार्ड धारक है, जिन्होंने गरीबी रेखा से नीचे वालों के लिए बनने वाला गुलाबी राशन कार्ड बनवाया था.
अन्य जिलों में वेरिफिकेशन का काम जारी: उधर दूसरी तरफ बाकी जिलों में भी वेरिफिकेशन का काम चल रहा है. नैनीताल और हरिद्वार में भी इसके लिए तमाम राशन कार्डों को वेरीफाई किया जा रहा है. गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों का पीला राशन कार्ड बनाया जाता है. यह वह लोग हैं, जिनकी सालाना इनकम 5 लाख से अधिक होती है. उत्तराखंड में राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत सफेद राशन कार्ड भी बनाए जाते हैं. सफेद राशन कार्ड ऐसे लोगों के ही बन सकते हैं, जिनकी मथली इनकम 15000 हजार तक होती है. इसके अलावा गुलाबी राशन कार्ड गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के बनाए जाते हैं. यह राशन कार्ड अंत्योदय अन्न योजना के तहत बनाए जाते हैं. चार हजार रुपए से कम आए वालों के लिए गुलाबी राशन कार्ड बनाता है.
उत्तराखंड में अधिकतर मैदानी जिलों में ऐसे राशन कार्ड बनाने वालों की लंबी लाइन होती है, लेकिन ऐसे राशन कार्ड बनाने की भी लिमिट तय की गई है और यह लिमिट पूरी होने के कारण नए राशन कार्ड भी कई जगह पर नहीं बन पा रहे थे. इस तरह से देखा जाए तो अपात्र लोगों द्वारा राशन कार्ड बनाए जाने के कारण पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी समीक्षा बैठक के दौरान ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के निर्देश दिए थे.
शायद ही कारण है कि जिला स्तर पर इस पर वेरिफिकेशन अभियान में तेजी लाते हुए अब अपात्र राशन कार्ड धारकों को बड़ी संख्या में पकड़ा गया है. जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून केके अग्रवाल ने बताया कि वेरिफिकेशन के दौरान बड़ी संख्या में अपात्र राशन कार्ड धारक मिले हैं, जिनके राशन कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं और इसकी जानकारी भी बाकी संबंधित विभागों को दी जा रही है.